आजकल तो जयमाला का ट्रेंड है जिसकी वजह से सभी बाराती बिना मुंहदिखाई दिए दुल्हन ही नहीं, उसकी सहेलियों तक के दीदार कर लेते हैं। स्मार्टफोन आ जने से सुविधा हो गई है कि जयमाला के कुछ क्षणों के अंदर ही फेसबुक-व्हाट्सएप के जरिये सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने वालों को भी पता चल जाता है कि दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी कैसी रही।
...लेकिन आज से 30-35 साल पहले ऐसा नहीं था। तब हमारे यहां जयमाला का प्रचलन नहीं था। बारातियों की कौन कहे, दूल्हा खुद शादी की रस्मों के दौरान भी दुल्हन की झलक पाने से महरूम रहता था।
तब किसी लड़के की शादी होने पर मित्रों, पड़ोसियों के मन में सहज उत्कंठा होती थी - रब ने कैसी जोड़ी बनाई? सो बारात के लौटने के बाद चौक-चौराहे से लेकर खेत-खलिहान तक में तथाकथित नवविवाहित दूल्हे के मिलने पर लोग उससे दुल्हन के बारे में सवाल दागने लगते। दूल्हा भी अपने हिसाब से परिणीता के सौंदर्य का बखान करता।
ऐसे ही एक संकोची युवक की शादी हुई तो लोगों ने उसकी नई-नवेली पत्नी के बारे में पूछा। तब तक गांव के लोग भी हिंदी फिल्मों और उनके किरदारों से परिचित हो चुके थे। शोले फिल्म आ चुकी थी और नौजवानों में ड्रीमगर्ल हेमामालिनी का जलवा था। सो उस युवक ने पत्नी के बारे में बताते हुए कहा-धतपत हेमामालिनी। यानी बिल्कुल हेमामालिनी की तरह।
आजकल शादी-विवाह का सीजन चल रहा है। हाल ही हुई एक शादी समारोह की फोटो फेसबुक पर देखकर अचानक ही इस प्रसंग की याद आ गई।
30 June 2019
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