नो अप्रैल फूल...प्लीज
दस-बारह साल पहले की बात है। तब आज जैसे स्मार्टफोन नहीं हुआ करते थे बड़ी स्क्रीन वाले। जिस मोबाइल फोन को आजकल डिब्बा वाला फोन कहकर हेय दृष्टि से देखा जाता है, उन्हीं की पैड वाले ब्लैक एंड व्हाइट फोन का सहारा था। एसएमएस के इस्तेमाल की शुरुआत के दिन थे। स्क्रीन छोटा होने से लंबे मैसेज को पढ़ने के लिए शब्द दर शब्द ऊपर से नीचे जाना पड़ता था।
उन दिनों मेरा एक बहुत ही अजीज दोस्त अपने परिवार के साथ लंदन में रहता था। अंग्रेजी नववर्ष के आगमन की वेला थी। मेरे पास एक एसएमएस आया, जिसका लब्बोलुआब कुछ इस तरह था -
आप लोगों के साथ जो समय बीता, अच्छा-बुरा जैसा भी रहा, कट गया। मुझे मेरी गलतियों के लिए माफ कर देना। मैं अब कुछ ही पलों का मेहमान हूं। फिर आप सभी को अलविदा कह जाऊंगा। ... इसके अलावा भी काफी सारी बातें...और सबसे अंत में लिखा था - मैं हूं जाता हुआ साल....
मैंने लंदन वाले अपने दोस्त को वह एसएमएस फॉरवर्ड कर दिया। चंद सेकंड में ही उसका फोन आया। उसकी आवाज काफी मायूसी और परेशानी भरी थी। दुआ-सलाम के बजाय उसने पूछा- क्या हुआ? सब कुशल तो है? उसके सवालों से मैं अचकचा गया। मैंने कहा- हां भाई, सब कुशल है। तुम इतने परेशान क्यों हो रहे हो? उसने कहा कि अभी-अभी तुम्हारा एसएमएस मिला, उसमें तुमने क्या अनाप-शनाप लिखा है, कुछ ही पलों का मेहमान हूं!
मैंने कहा कि तुमने पूरा एसएमएस नहीं पढ़ा शायद। उसने हामी भरते हुए कहा कि शुरुआत के कुछ शब्द पढ़कर ही मैं चिंतित-विचलित हो गया। मैंने उसे बताया कि परेशान मत हो भाई, एसएमएस को पूरा पढ़ो, यह नये साल का मैसेज है। बीता साल विदाई ले रहा है, मैं दुनिया को अलविदा नहीं कह रहा। तबसे मैंने कसम खा ली कि भावनाओं को उद्वेलित करने वाले ऐसे मैसेज किसी को कभी नहीं भेजूंगा।
मौजूदा माहौल में कोरोना की महामारी के कारण जब पूरी दुनिया दहशत में है, लॉकडाउन के चलते हम सभी अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं, मेरा आप सभी से निवेदन है कि इस बार किसी को भी अप्रैल फूल न बनाएं, प्लीज। फेसबुक, व्हाट्सएप या दूसरे किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अप्रैल फूल वाले संदेश न पोस्ट करें। किसी अनहोनी की वजह से बाद में पछताने से अच्छा है पहले ही संभल जाइए। किसी शायर ने कहा भी है -
चांदनी रात हो तो बरसात बुरी लगती है
घर में अर्थी हो तो बारात बुरी लगती है
दिल में गम हो तो मेरे दोस्त
दुनिया की हर बात बुरी लगती है।
01 अप्रैल 2020
No comments:
Post a Comment