Thursday, October 19, 2017

शिल्पा का शौर्य


शक्ति स्वरूपा - 4 बाढ़ केवल फसलें ही नहीं बहा ले जाती, किसानों के अरमानों का भी खून कर देती है। ...और जब यह त्रासदी हर साल की बात बन जाए, तो अच्छी-खासी जमीन वाले किसान की भी क्या हालत हो जाती है, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। शिल्पा के पिता की हालत भी कुछ ऐसी ही थी। इन विपरीत हालात में भी चार बेटियों की शादी का दायित्व जैसे-तैसे निभा चुके थे। बड़ा बेटा दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करके जैसे-तैसे अपना ही खर्च निकाल पा रहा था, इसलिए उससे मदद की कोई उम्मीद रखना ही बेकार था। छोटा बेटा हाई स्कूल में पढ़ रहा था। परेशानियों की वजह से बुढ़ापा समय से पहले ही दस्तक देने लगा था। ऐसे में संबंधी की रिश्तेदारी में अच्छी-तरह देख-भालकर सबसे छोटी बेटी शिल्पा की शादी कर दी। लड़का ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, परिवार की माली हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं थी, सो गांव के अन्य नौजवानों के साथ कमाने के लिए घर से निकल गया। कच्ची उम्र में काम की थकान और बड़ों का अनुशासन नहीं रहने के कारण संगति ने असर दिखाना शुरू कर दिया। गांजा-शराब का सेवन पहले शौकिया तौर पर शुरू किया, जो धीरे-धीरे रोज की जरूरत बन गई। ऐसे में कमाई से ज्यादा खर्च होने लगा। घर से दूर इस शौक को पूरा करने के लिए कर्ज भी कौन देता, सो घर वापसी में ही भलाई समझी। समय ने पलटा खाया, पिताजी ने काफी दिनों तक एक बड़े अफसर की सेवा की थी, जिसकी बदौलत उसे चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी मिल गई। शिल्पा को लगा कि अब अच्छे दिन आएंगे, लेकिन यह उसकी भूल थी। पति अपनी पूरी तनख्वाह शराब-गांजा-ताड़ी में उड़ा देता। ऊपर से दफ्तर वालों से कर्ज भी ले लेता। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। मुसीबत की इस घड़ी में शिल्पा ने पति को सही राह पर लाने का बीड़ा उठाया। नशा छोड़ने के लिए पति की मान-मनुहार के साथ ही घर, समाज, रिश्तेदारों से लेकर दफ्तर वालों तक से पति पर तरह-तरह से दबाव डलवाती रही। उसकी मेहनत रंग लाई । पति की नशाखोरी की लत छूटी तो कमाई में भी बरकत दिखने लगी । बेटा बड़े शहर में रहकर पढ़ने लगा। पक्का मकान बन गया । बेटी की शादी मनपसंद परिवार में अच्छी खासी प्रोफेशनल डिग्री वाले लड़के से करके मानो गंगा नहा लिया। ईश्वर की कृपा से बेटा सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी में लग गया। कुल मिलाकर शिल्पा ने साबित कर दिया कि औरत को अबला यूं ही नहीं कहा जाता। वह चाह ले तो अपने जीवन में आने वाली हर बला को बखूबी बाहर का रास्ता दिखा सकती है। 25 September 2017

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