Monday, November 12, 2007

सब मिल के आज बोलो जय छठी माई की


भगवान भास्कर से सारी सृष्टि आलोकित है, इसके कृतज्ञतास्वरूप वैदिक काल से ही विश्वभर में अलग-अलग तरीके से सूर्य की आराधना की जाती है , लेकिन दीपावली से छठे-सातवें दिन मनाए जाने वाले--छठ पर्व- में आस्था का जो स्वरूप दिखता है, उसका कोई सानी नहीं है। कोई समय था जब यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता था, लेकिन बीतते हुए समय के साथ इसका अपार विस्तार हुआ है। अब यह पर्व कोलकाता से कोटा, मेरठ से मदुरै , गुवाहाटी से गंगानगर , मुम्बई से मुजफ्फरपुर, पटना से पुणे, शिलांग से शोलापुर , दीमापुर से दिल्ली और कटिहार से काठमांडू तक समान रूप से अपार श्रद्धा से मनाया जाता है।
पोखर-तालाबों, नदियों-नहरों के किनारों की साफ-सफाई की जाती है और इन्हें रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। इस सजावट और आतिशबाजी के आगे दिवाली की चमक भी फीकी सी पड़ जाती है। जिनके घर में यह पर्व मनाया जाता है, वे तो उपासना में रत रहते ही हैं, जिनके यहां पूजा नहीं होती , वे भी अगाध श्रद्धाभाव से इसमें हाथ बंटाते हैं।
एक और तथ्य है कि जितने भी देवी-देवताओं की पूजा होती है, उनमें से अधिकांशतया अदृश्य ही हैं। उनकी प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इसका मतलब यह नहीं कि इससे उनका महत्व कम हो जाता है, लेकिन भगवान सूर्य एकमात्र ऐसे साक्षात देवता हैं, जिन्हें हम अपनी नंगी आंखों से देखते हुए उनकी उपासना में रत रहते हैं।
मैंने बात जिस मुद्दे पर शुरू की थी, उसे तो भुला ही बैठा। हुआ यूं कि बच्चे ने सेकंड टर्म की परीक्षा का टाइम टेबल दिखाया , जिसके अनुसार 15 नवंबर से उसकी परीक्षा शुरू हो रही है। इसमें शामिल नहीं हो पाने पर वह परीक्षा से वंचित रह जाएगा, बाद में परीक्षा लेने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। ऐसा राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी होता होगा, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि इन राज्यों में भी लघु या वृहद् स्तर पर -छठ पर्व- अवश्य ही मनाया जाता है। स्कूलों तथा दफ्तरों में अवकाश नहीं होने के कारण लोगों को व्रत-पूजा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता ही है। ऐसे में क्या केंद्र सरकार इस पवॅ पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा नहीं कर सकती। ऐसा होने से लोग अपने पैतृक गांव जाकर भी यह पवॅ मना सकेंगे और उन्हें अवकाश के लिए चिंतित भी नहीं होना पड़ेगा।
धन्‍यवाद दिल्‍ली सरकार दिल्ली सरकार ने छठ पूजा के मौके पर इस बार भी ऐच्छिक अवकाश का ऐलान किया है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार से यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने को भी कहा है, ताकि छठ के मौके पर दिल्लीवालों को यमुना में स्वच्छ पानी मिल सके।
दिल्ली के विकास मंत्री राजकुमार चौहान ने दिल्ली छठ पूजा आयोजन कमिटी के प्रमुख महाबल मिश्रा की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से मुलाकात के बाद यह घोषणा की।

2 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

जय हो मइया जी के

suresh said...

Dear writer

Greetings from Bihar Samaj Sangathan, Jaipur.

Very good.

Thanks
Suresh Pandit
Email: biharssangathan@yahoo.com