Monday, October 27, 2008

थोड़ा कम पी मेरी रानी....दीपावली की असीम मंगलकामनाएं


इधर करीब दो-ढाई महीनों से ब्लॉग जगत से नाता टूट सा गया है। नियमित लेखन हो नहीं पाता है और पढ़ने की तो बात ही नहीं सोच सकता। कुछ व्यक्तिगत परेशानियां हैं, जिनका जिक्र फिर कभी। अभी तो यही कह सकता हूं कि विश्व के महानतम अर्थशास्त्रियों में गिने जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने जब से प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है, महंगाई की मार से हर भारतीय की हालत खराब है। आए दिन हर परिवार में रोज-रोज बढ़ती महंगाई से पति-पत्नी तथा माता-पिता से संतानों के संबंध में खटास बढ़ती ही जा रही है। अब हर किसी की तो महंगाई भत्ता बढ़ती नहीं, न ही हर किसी को छठा वेतन आयोग जैसा कुछ मिल पाने का सुख मिल पाता है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपित और राज्यपालों की तरह तनख्वाह बढ़ने की किस्मत भी हर किसी की कहां हुआ करती है। बावजूद इसके आटा, चावल, नमक, चीनी, तेल, बिस्किट जैसी चीजें तो हर घर में चाहिए ही। ऐसे में पत्नियों को महीने भर के घर खर्च का पैसा देकर रोज की खिच-खिच से मुक्ति पाने के आकांक्षी लोग भी पत्नियों से खिंचे-खिंचे से रहते हैं। न जाने श्रीमतीजी कब और पैसे की डिमांड कर बैठें। कई बार तो 20-22 तारीख आते-आते पैसे खत्म हो जाने की स्थिति आ जाती है। यह पीड़ा शायद 50-60 प्रतिशत पतियों की हो। वैसे तो लोगों को `माया´ (धन-संपत्ति) से मुक्ति पाने के उपाय सुझाने का ठेका साधु-महात्माओं के पास ही हुआ करता है। हालांकि आजकल मैनेजमेंट गुरु भी हाउस मैनेजमेंट और वेल्थ मैनेजमेंट के नाम से ऐसी सलाह देने में गुरेज नहीं करते।
कई बार ऐसा भी होता है, जब आपको ऐसे आदमी से भी बहुत अच्छी सलाह मिल जाती है जिसकी आपको अपेक्षा नहीं होती, या फिर आपसे बिल्कुल विपरीत पृष्ठभूमि के व्यक्ति की कोई बात ऐसी होती है कि लगता है जैसे दोनों समानानुभूति की धरातल पर खड़े हों। अभी दो दिन पहले ही गुलाबी नगरी में अजमेर रोड पर खड़े एक ट्रक आरजे-14 जीबी-3985 पर लिखी सूक्ति वाक्य सी पंक्तियां देखीं तो लगा कि इसे आपलोगों से भी शेयर किया जाए। पंक्तियां कुछ इस तरह थीं---
`थोड़ा कम पी मेरी रानी, महंगा है इराक का पानी´ ।
ड्राइवर की इस गुजारिश का उसकी गाड़ी पर कितना असर हो पाता है, इसकी सचाई का पता तो उस ड्राइवर से पूछने पर ही चल पाएगा, लेकिन महंगाई और तंगहाली से परेशान पति अपनी पत्नी से सलीके से ऐसी गुजारिश तो कर ही सकता है। अभी तो ज्योतिपर्व दीपावली की इस पावन घड़ी में धन की देवी मां लक्ष्मी से यही प्रार्थना है कि उसकी कृपा हर किसी पर बनी रहे और हर कोई कुबेर बना रहे। दीपावली की इन्हीं शुभकामनाओं के साथ----मंगलम।

2 comments:

Dileepraaj Nagpal said...

pani to peena hi padega janab...acha likha aapne, badhayi

suresh said...

Dear sir

Happy Diwali.

Thanks

Suresh Pandit