Friday, November 16, 2007

छठ का विस्तार, जयपुर बना बिहार


उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में सूयॅ भगवान के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था इन दिनों आसमान छू रही है। छठ मइया की महिमा की गूंज सवॅत्र सुनाई दे रही है। इन प्रदेशों के लोग विभिन्न परिस्थितियों के शिकार होकर जीवन यापन के लिए या फिर अपनी प्रतिभा का परचम लहराने के लिए देश के सभी राज्यों या यूं कहें कि महत्वपूणॅ नगरों-महानगरों में विराजते हैं। अब ये जहां होंगे, वहां अपनी संस्कृति के परिचायक छठ पवॅ को तो साथ लाएंगे ही, सो पूरे भारतवषॅ में छठ पवॅ की धूम मची हुई है। नेपाल की तराई, मॉरीशस, फिजी के अलावा अन्य देशों में भी वृहद् या लघु स्तर पर यह पवॅ मनाया जा रहा है। इसे विश्वव्यापी बनाने में अखबारों, इंटरनेट और टीवी चैनलों की भूमिका भी प्रभावी रही है।
पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने छठ पवॅ पर ऐच्छिक अवकाश की घोषणा की थी, आज बिहार से किसी मित्र का फोन आया कि इस वषॅ से बैंकों में भी अवकाश की घोषणा कर दी गई है। (राज्य सरकार के विभागों में तो शुरू से ही अवकाश रहता आया है। ) संसद की कायॅवाही शुक्रवार को छठ के कारण स्थगित कर दी गई थी, यह तो सवॅविदित है ही। अब मेरी इस इच्छा को पंख लगने लगे हैं कि देर-सबेर ही सही, इस पवॅ पर राष्ट्रीय स्तर पर या फिर अन्य राज्यों में भी अवकाश (ऐच्छिक ही सही) की घोषणा हो सकेगी।
मैं भी किन ख्वाबों-खयालों में खो गया, हां, तो यह बताने जा रहा था कि अन्य शहरों की तरह गुलाबी नगरी में पूणॅ श्रद्धाभाव से छठ पवॅ मनाया गया। पवित्र गलता तीथॅ में जुटी श्रद्धालुओं की अपार भीड़, बज्जिका, भोजपुरी, मैथिली, मगही में छठ गीतों की गूंज, आतिशबाजी का शोर मिल-जुलकर यहां मिनी बिहार का दृश्य उपस्थित कर रहे थे। दोपहर बाद से ही यहां मेला सा नजारा उपस्थित हो गया था। हालांकि शहर की कॉलोनियों से दूरी, जगह की कमी, पहाड़ी की चढ़ाई, सरकार की ओर से कोई इंतजाम नहीं होने के कारण अव्यवस्था ये कुछ परेशानियां भी थीं, लेकिन धमॅप्राण लोगों की आस्था के सामने ये कैसे बाधक बन पाते। लोगों ने पूणॅ भक्तिभाव से की भगवान भास्कर की आराधना---छठ मइया की अचॅना। सदॅ खुली रात में हजारों श्रद्धालु यहां रुके हुए थे, जो शनिवार सुबह उगते हुए भगवान दीनानाथ को दूसरा अघ्यॅ देने के साथ ही घर लौट गए। ......और इस तरह संपन्न हो गया यह चार दिवसीय महापवॅ।

4 comments:

Ranjan said...

achchha laga ! Thanks !

suresh said...

Dear sir

Many many thanks.
Jai Chhath Maata,
Regards & with best wishes.

Suresh Pandit
Bihar Samaj Sangathan, Jaipur
Email : biharssangathan@yahoo.com

Unknown said...

Dear all

I had enjoyed this great festible very much.I"ll remember this day for comming months.

Jitendra yadav
jyadav@hcl.in

kumar said...

Bhaut hi achha laga Manglamji

Thanks

uday@rajasthan.gov.in