अभी कल ही शारदीय नवरात्र संपन्न हुए हैं। इस दौरान हममें से अधिकतर अपने-अपने क्षेत्र में और अधिक शक्ति प्राप्ति के लिए शक्ति स्वरूपा मां भगवती की आराधना में रत थे। इस बीच भारत-आस्ट्रेलिया एकदिवसीय सीरिज भी हुआ। यह सीरिज तो हम हार ही गए थे, अंतिम मैच में मिली जीत भी अपने खिलाड़ियों के लचर प्रदशॅन के कारण मुझे रोमांचित नहीं कर पाई थी। फलस्वरूप मैंने--बल्ले को गति दे भगवान---शीषॅक से अपने दिल के ददॅ को जुबान देने की कोशिश की थी। आस्ट्रेलियाई टीम के हौसले आसमान छू रहे थे और कदम धरती पर नहीं पड़ रहे थे।
ऐसे में शनिवार को फिर ट्वेंटी-२० मैच में सद्यः चैम्पियन भारत और ५०-५० चैम्पियन आस्ट्रेलिया जोर आजमाने को मैदान में थे। हमारे गेंदबाजों ने सधी हुई गेंदबाजी की और आस्ट्रेलिया को महज १६६ के स्कोर पर समेट दिया। इनमें एक्सट्रा के मात्र ९ रन ही थे। भारत जब बल्लेबाजी करने उतरा तो गौतम गंभीर के मात्र ५२ गेंदों पर ६३ रन, सिक्सर सम्राट युवराज के २५ गेंदों पर ३१ रन और रॉबिन उथप्पा के २६ गेंदों पर ३५ रनों ने हमें ११ गेंद शेष रहते ही हमारे सिर पर विजय का सेहरा बांध दिया। कन्फ्यूज्ड आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का योगदान भी कम नहीं था। उन्होंने २४ रन एक्सट्रा के रूप में दिए तो २० ओवर के मैच में काफी मायने रखते हैं। गौतम हुए गंभीर तो उन्हें मिला मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जिसके हकदार भी वे थे।
मैं ये सारी बातें आपसे शेयर कर रहा हूं, तो इसके पीछे मेरा उद्देश्य महज इतना ही है कि हम किसी के लचर प्रदशॅन के लिए उसे कोसें नहीं, लेकिन अपनी बेबाक राय तो अवश्य ही रखें। हमारे विचार संबंधित व्यक्ति तक भले नहीं पहुंचें, लेकिन कोई अदृश्य शक्ति अवश्य है, जो हम सबको एक दूसरे से जोड़ती है। वाइब्रेशन के माध्यम से पूरी कायनात एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। इस जीत का श्रेय मैं नहीं लेना चाहता, लेकिन सवॅशक्तिमान भगवान को अवश्य धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने बल्ले को गति दी। एक बात और, हमारे खिलाड़ियों का उत्साह से लबरेज होना भी काफी फलदायक रहा। यदि ऐसे ही तेवर बने रहे तो आगामी मैचों में भी हमारा प्रदशॅन काबिले तारीफ होगा।
कितने कमरे!
6 months ago
1 comment:
जरुर होंगे कामयाब आगे भी.
इस कामयाबी के लिये बहुत बधाई.
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