आज एक मित्र का मेल मिला, पढ़ता रहा, मुस्कुराता रहा, बार-बार पढ़ा, आनंद आ गया, सोचा इसे आपलोगों के सामने प्रस्तुत करूं। अपना तो कुछ है नहीं, लेकिन हिंदी की महिमा का पता तो इससे चलता ही है। आज जब punctuation और व्याकरण को हम ताक पर रखते जा रहे हैं, सवॅत्र हिंग्लिश का बोलबाला हो रहा है, महज पूणॅविराम गलत जगह पर लग जाने से कैसे अथॅ का अनथॅ हो जाया करता है, तो लीजिए आप भी लीजिए इस ई-मेल का आनंद, कीजिए प्रण कि भविष्य में हमसे ऐसी भूल न हो, और प्राथॅना कि दूसरे भी ऐसी भूल न करें जिससे उन्हें हंसी का पात्र बनना पड़े।
गांव में एक स्त्री थी । उसके पति आई टी आई में कार्यरत थे। वह आपने पति को पत्र लिखना चाहती थी पर अल्पशिक्षित होने के कारण उसे यह पता नहीं था कि पूर्णविराम(full stop) कहां लगेगा । इसीलिये उसका जहां मन करता था वहीं पूर्णविराम लगा देती थी ।
उसने चिट्ठी इस प्रकार लिखी--------
मेरे प्यारे जीवनसाथी मेरा प्रणाम आपके चरणो में । आप ने अभी तक चिट्ठी नहीं लिखी मेरी सहेली कॊ । नौकरी मिल गयी है हमारी गाय को । बछड़ा दिया है दादाजी ने । शराब की लत लगा ली है मैने । तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आये कुत्ते के बच्चे । भेडि़या खा गया दो महीने का राशन । छुट्टी पर आते समय ले आना एक खूबसूरत औरत । मेरी सहेली बन गई है । और इस समय टीवी पर गाना गा रही है हमारी बकरी । बेच दी गयी है तुम्हारी मां । तुमको बहुत याद कर रही है एक पड़ोसन । हमें बहुत तंग करती है |
कितने कमरे!
6 months ago
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