
जी हां, अभी कुछ दिनों पहले मैंने एक पोस्ट में भारतीय बाजार में चीन की घुसपैठ पर चिंता जताई थी। सच, अपने हाथ में ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन सोचने और कोसने से तो कोई रोक नहीं सकता। एक सप्ताह बाद दिवाली आने वाली है। कोई जमाना था जब घी के दीये जलते थे, फिर तेल के दीये हुए और अब बिजली की जगमग की इस दुनिया में भावनाएं हमारी होंगी, लेकिन लड़ियां तो चीन की ही होंगी। हमारे नीति नियंता बिजली बचाने के लिए सीएफएल जलाने की सलाह देते हैं, लेकिन भारतीय सीएफएल इतने महंगे होते हैं कि आम भारतीय चाइनीज सीएफएल जलाकर ही बिजली बचाता है, जिससे हमारी बिजली बचे न बचे, चीन की कमाई तो हो ही जाती है। सो, मेरा कहना है कि चीन की इस घुसपैठ ने मुझ जैसे हजारों लोगों को सिरदर्द दिया हुआ है।
दिवाली की बात पर आऊं, तो हमारी गुलाबीनगरी भी इन दिनों ज्योति के इस उत्सव के उल्लास में सराबोर है। पिछले दिनों दिवाली पर खरीदारी के लिए आयोजित मेले में गया तो भीड़ में एक व्यक्ति ने मेरे बालों में कुछ फिराया। एकबारगी तो यह अच्छा लगा, लेकिन तुरत ही सिर चकराया पुराने अनुभव को याद करके। करीब पंद्रह साल पहले एक मित्र ने कलकत्ता यात्रा का एक संस्मरण सुनाया था। चलती ट्रेन में एक फेरीवाला आया और चीनी बाम-चीनी बाम कहते-कहते अपनी झोली में से एक डिबिया निकाली और ----एक बार लगाते ही सिरदर्द को जड़ से मिटा देगा यह चीनी बाम......कहकर यात्रियों के माथे और आंखों के ऊपर वह बाम लगाने लगा। बाम लगाते ही ऐसी जलन हुई कि यात्रियों की आंखें खुल नहीं पा रही थीं। उसी बीच उस तथाकथित फेरीवाले के कुछ साथी अचानक प्रकट हो गए और अल्पकालिक अंधे हुए उन यात्रियों का सामान पार कर ले गए तथा चेन पुलिंग कर उतर गए। यात्रियों की आंखों में जब तक ज्योति लौटी, तब तक उनका बहुत कुछ गायब हो चुका था। मेरा मित्र भी उसी ट्रेन की दूसरी बोगी में था, जिसे कलकत्ता उतरने पर इस वाकये का पता चला।
जब मैं दिवाली मेले में गया था, तो संयोग से उस दिन पांच सौ के तीन-चार नोट शर्ट की ऊपर वाली जेब में ही थे, सो डर लगा रहा था कि उसने सिर में जादू भरे तार फिराने की आड़ में पैसे तो पार न कर लिए हों। खाली जगह पर जाकर जेब चेक की तो संतोष हुआ। अब बारी थी पता करने की उस यंत्र के बारे में जिसे सिर में फिराने पर मालिश का सा अहसास हुआ था। मेले की एक रो में गया तो वहां कई सारी दुकानों पर वह यंत्र बिक रहा था, जिसके पैकेट पर Handy head massager लिखा हुआ था। पैकेट के नीचे छोटे अक्षरों में made in china छपा हुआ था।
यह देखकर मलाल हुआ कि चीन पहले तो अपनी करनी से चाहे सैन्य घुसपैठ हो या हमारे बाजार में सेंध लगाकर-पहले तो हमें सिरदर्द देता है और फिर उससे निजात पाने के लिए हैंडी मसाजर। हर किसी उत्पाद की नकल करने में सिद्धहस्त हमारे अपने देश के महारथी कब इन छोटी-छोटी चीजें बनाने में अपनी कुशल कला का परिचय देंगे, जिससे ऐसी चीजों पर खर्च होने वाला हमारा पैसा विदेशियों की जेब के बजाय हमारे अपने उद्यमी भाइयों की तिजोरी में जाएगा।
(संभव है आपमें से बहुतों को इस चाइनीज हैड मसाजर के बारे में काफी पहले से पता हो, लेकिन मैंने तो उस दिन पहली बार ही इसे देखा था, इसलिए ऐसे मित्रों से अपने अल्पज्ञान के लिए क्षमा चाहता हूं।)