Thursday, September 22, 2011

घटती लोकप्रियता का संकेत


जनकल्याण के मूल उद्देश्य को भूल रही सरकार के प्रति लोगों में बढ़ा असंतोष


इस माह के पहले सप्ताह में कराए गए 'लेंसऑनन्यूजÓ सर्वेक्षण के अनुसार केंद्र सरकार के प्रति देशवासियों का असंतोष काफी बढ़ गया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार करीब 74 प्रतिशत देशवासी यूपीए सरकार के कामकाज से असंतुष्ट हैं। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने माना कि मुद्रास्फीति, भ्रष्टाचार, नक्सली तथा आतंकी हिंसा पर लगाम लगाने में केंद्र पूरी तरह विफल रहा। इससे पहले अगस्त में हुए सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने केंद्र सरकार के प्रति असंतोष जताया था।
बेलगाम महंगाई ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। महंगाई को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास जनता को राहत नहीं पहुंचा रहे। पेट्रोल की कीमत में की गई बढ़ोतरी ने महंगाई से त्रस्त लोगों की परेशानी और भी बढ़ा दी है। महंगाई पर काबू पाने के उपाय के नाम पर हाल ही रेपो और रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी से ऋणों पर ब्याज दर बढऩे की मार भी आमजन को झेलनी पड़ेगी। वहीं इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 84 प्रतिशत लोगों ने अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों द्वारा तैयार जन लोकपाल विधेयक को समर्थन दिया। लोगों का मानना है कि देश के विकास को दीमक की तरह चाट रहे भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में यह विधेयक काफी हद तक प्रभावी होगा। ऐसे में केंद्र सरकार को चाहिए कि जनकल्याण के अपने मूल उद्देश्य को ध्यान में रखकर आमजन की परेशानियां दूर करने की पहल करे, अन्यथा आमजन की उपेक्षा उसे भारी पड़ सकती है।
(जयपुर से प्रकाशित हिंदी दैनिक समाचार पत्र डेली न्यूज में 22 सितंबर को प्रकाशित)